काफिर शब्द का क्या अर्थ है?
अरबी शब्दकोश में काफिर शब्द का धातु (root): (क+फ+र) کفر
काफ़िर शब्द के तीन अलग अलग अर्थ है
1- छिपाना
2- इन्कार करना
3- नाशुक्री,अकृतज्ञता
2- इन्कार करना
3- नाशुक्री,अकृतज्ञता
1- सबसे पहले "छिपाना"
...كَمَثَلِ غَيْثٍ أَعْجَبَ الْكُفَّارَ نَبَاتُهُ...
...वर्षा की मिसाल की तरह जिसकी वनस्पति ने किसान का दिल मोह लिया।...
क़ुरआन 57:20
क़ुरआन 57:20
यहाँ कुफ्फारٍ الْكُفَّارَ जो काफिर کفار के जमा (बहुवचन) इस्तेमाल हुआ है
यहाँ किसान को काफिर (کافر,छिपानेवाला) कहा गया है क्यूंकि किसान ज़मीन के नीचे बीजों छिपाता हैं
2- इन्कार करना
لَا إِكْرَاهَ فِي الدِّينِ ۖ قَدْ تَبَيَّنَ الرُّشْدُ مِنَ الْغَيِّ ۚ فَمَنْ (يَكْفُرْ ) بِالطَّاغُوتِ وَيُؤْمِنْ بِاللَّهِ...
दीन (धर्म) के सम्बन्ध में कोई ज़बरदस्ती नहीं। सन्मार्ग, पथभ्रष्टता से अलग हो चुका है। अतः जो व्यक्ति, शैतान को "झुठलाये" (इन्कार करना) और ईमान लाये, अल्लाह पर...
क़ुरआन 2:256
क़ुरआन 2:256
यहाँ یکفر (yakfur) शब्द का इस्तेमाल हुआ है और मुसलमानों के लिए आया है यहाँ मुसलमानों को कहा जा रहा है कि तुम शैतान का इनकार करो
3- नाशुक्री,अकृतज्ञता
وَلَقَدۡ اٰتَيۡنَا لُقۡمٰنَ الۡحِكۡمَةَ اَنِ اشۡكُرۡ لِلّٰهِؕ وَمَنۡ يَّشۡكُرۡ فَاِنَّمَا يَشۡكُرُ لِنَفۡسِهٖۚ وَمَنۡ (كَفَرَ)
فَاِنَّ اللّٰهَ غَنِىٌّ حَمِيۡدٌ
فَاِنَّ اللّٰهَ غَنِىٌّ حَمِيۡدٌ
और हमने लुकमान को विवेक प्रदान किया कि अल्लाह का आभार प्रकट करो। और जो व्यक्ति आभार प्रकट करेगा। तो वह अपने ही लिए आभार प्रकट करेगा और जो "कृतघ्नता" (नाशुक्री) करेगा तो अल्लाह निस्पृह है, विशेषताओं वाला है।
क़ुरआन 31:12
क़ुरआन 31:12
काफिर शब्द का क्या अर्थ है?
अरबी शब्दकोश में काफिर शब्द का धातु (root): (क+फ+र) کفر
काफ़िर शब्द के तीन अलग अलग अर्थ है
1- छिपाना
2- इन्कार करना
3- नाशुक्री,अकृतज्ञता
2- इन्कार करना
3- नाशुक्री,अकृतज्ञता
1- सबसे पहले "छिपाना"
...كَمَثَلِ غَيْثٍ أَعْجَبَ الْكُفَّارَ نَبَاتُهُ...
...वर्षा की मिसाल की तरह जिसकी वनस्पति ने किसान का दिल मोह लिया।...
क़ुरआन 57:20
क़ुरआन 57:20
यहाँ कुफ्फारٍ الْكُفَّارَ जो काफिर کفار के जमा (बहुवचन) इस्तेमाल हुआ है
यहाँ किसान को काफिर (کافر,छिपानेवाला) कहा गया है क्यूंकि किसान ज़मीन के नीचे बीजों छिपाता हैं
2- इन्कार करना
لَا إِكْرَاهَ فِي الدِّينِ ۖ قَدْ تَبَيَّنَ الرُّشْدُ مِنَ الْغَيِّ ۚ فَمَنْ (يَكْفُرْ ) بِالطَّاغُوتِ وَيُؤْمِنْ بِاللَّهِ...
दीन (धर्म) के सम्बन्ध में कोई ज़बरदस्ती नहीं। सन्मार्ग, पथभ्रष्टता से अलग हो चुका है। अतः जो व्यक्ति, शैतान को "झुठलाये" (इन्कार करना) और ईमान लाये, अल्लाह पर...
क़ुरआन 2:256
क़ुरआन 2:256
यहाँ یکفر (yakfur) शब्द का इस्तेमाल हुआ है और मुसलमानों के लिए आया है यहाँ मुसलमानों को कहा जा रहा है कि तुम शैतान का इनकार करो
3- नाशुक्री,अकृतज्ञता
وَلَقَدۡ اٰتَيۡنَا لُقۡمٰنَ الۡحِكۡمَةَ اَنِ اشۡكُرۡ لِلّٰهِؕ وَمَنۡ يَّشۡكُرۡ فَاِنَّمَا يَشۡكُرُ لِنَفۡسِهٖۚ وَمَنۡ (كَفَرَ)
فَاِنَّ اللّٰهَ غَنِىٌّ حَمِيۡدٌ
فَاِنَّ اللّٰهَ غَنِىٌّ حَمِيۡدٌ
और हमने लुकमान को विवेक प्रदान किया कि अल्लाह का आभार प्रकट करो। और जो व्यक्ति आभार प्रकट करेगा। तो वह अपने ही लिए आभार प्रकट करेगा और जो "कृतघ्नता" (नाशुक्री) करेगा तो अल्लाह निस्पृह है, विशेषताओं वाला है।
क़ुरआन 31:12
क़ुरआन 31:12
और जिन लोगो तक इस्लाम का पैगाम नहीं पहुँचा उनके लिए क़ुरान एक अलग शब्द का इस्तेमाल करता है वो है ग़ाफ़िल (غَافِلُونَ)
ذَٰلِكَ أَنْ لَمْ يَكُنْ رَبُّكَ مُهْلِكَ الْقُرَىٰ بِظُلْمٍ وَأَهْلُهَا غَافِلُونَ
यह इस कारण से कि तुम्हारा पालनहार बस्तियों को उनके अत्याचार पर इस स्थिति में नष्ट करने वाला नहीं कि वहाँ के लोग (सन्देश से) ग़ाफ़िल हों।
क़ुरआन 6:13
क़ुरआन 6:13
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